10 Sneaky Ways to Save on Taxes – Tax Expert Advice

टैक्स फाइल करने का सीजन हर वेतनभोगी व्यक्ति के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय होता है, क्योंकि उन्हें अपनी आय और चुकाने वाले टैक्स की गणना करनी होती है। इस दौरान, उनके मन में अक्सर यह सवाल उठता है कि वे अपने टैक्स को कैसे कम कर सकते हैं। अपनी सेलरी के घटकों, टैक्स स्लैब, और टैक्स योग्य आय की गणना को समझने के अलावा, यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि भारत में सैलरी पर टैक्स कैसे बचाया जा सकता है।

इस लेख में, हम आपको बताएंगे कि कैसे आप अपनी आय पर टैक्स की देनदारी को कम कर सकते हैं और अपनी बचत को बढ़ा सकते हैं। हम इनकम टैक्स एक्ट के विभिन्न प्रावधानों और निवेश विकल्पों पर चर्चा करेंगे जो आपको अपने टैक्स बोझ को कम करने में मदद कर सकते हैं।

मुख्य बातें

  • टैक्स बचाने के 10 प्रभावी तरीके
  • इनकम टैक्स एक्ट के तहत विभिन्न धाराओं का लाभ
  • धारा 80C के तहत टैक्स छूट का लाभ कैसे उठाएं
  • सही निवेश विकल्पों का चयन
  • टैक्स प्लानिंग के लिए व्यावहारिक टिप्स

टैक्स बचाने के10 चुपके रास्ते – इनकम टैक्स एक्सपर्ट की सलाह

इनकम टैक्स एक्सपर्ट की सलाह से आप टैक्स बचाने के कई चुपके रास्ते जान सकते हैं। टैक्स बचाने के लिए सही निवेश विकल्पों का चयन करना बहुत जरूरी है। यह न केवल आपके वर्तमान टैक्स बोझ को कम करता है, बल्कि भविष्य के लिए भी धन का निर्माण करता है।

भारत में टैक्स बचाने की महत्वता

भारत में टैक्स बचाने की महत्वता इसलिए है क्योंकि यह आपकी वित्तीय योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो आपकी बचत को बढ़ाने में मदद करता है। टैक्स बचाने के लिए आपको कई विकल्प मिलते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख विकल्पों को समझना आवश्यक है।

इनमें धारा80C के तहत निवेश करना शामिल है, जो आपको टैक्स छूट का लाभ देता है। आप फिक्स्ड डिपॉजिट, इनकम इंश्योरेंस, और प्रोविडेंट फंड जैसे निवेशों के माध्यम से टैक्स बचत कर सकते हैं।

धारा80C और अन्य टैक्स बचत प्रावधानों का परिचय

धारा80C के तहत, आप विभिन्न निवेश विकल्पों के माध्यम से1.5 लाख रुपये तक की कटौती का लाभ उठा सकते हैं। इनकम टैक्स एक्ट में कई ऐसे प्रावधान हैं जो आपको कानूनी रूप से टैक्स बचाने में मदद कर सकते हैं। इन प्रावधानों के बारे में जानकारी होना आवश्यक है ताकि आप अपने टैक्स को कम कर सकें।

इन प्रावधानों का लाभ उठाकर, आप अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत बना सकते हैं और अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं।

एम्प्लॉयी प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ) के माध्यम से टैक्स बचाएं

एम्प्लॉयी प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ) एक प्रमुख रिटायरमेंट बचत योजना है जो वेतनभोगी लोगों के लिए टैक्स बचाने में मदद करती है। यह एक सुरक्षित और विश्वसनीय निवेश विकल्प है जो रिटायरमेंट के लिए बचत करने में भी मदद करता है।

ईपीएफ की मूल बातें

ईपीएफ एक रिटायरमेंट फंड है जो एम्प्लॉयी प्रोविडेंट फंड और विविध अधिनियम, 1952 के तहत आता है। इस निवेश का प्रबंधन सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज करता है। आप और आपके नियोक्ता दोनों ईपीएफ में योगदान कर सकते हैं, जिससे आपका रिटायरमेंट फंड बढ़ता है।

ईपीएफ में योगदान करने से आपको कई लाभ मिलते हैं। आपकी सैलरी का अधिकतम 12% योगदान आप और आपके नियोक्ता कर सकते हैं। इस योगदान पर आपको एक निश्चित ब्याज दर मिलती है, और संचित फंड और अर्जित ब्याज दोनों ही टैक्स-फ्री होते हैं।

ईपीएफ से मिलने वाले टैक्स लाभ

ईपीएफ में योगदान करने से आपको धारा 80C के तहत टैक्स लाभ मिलता है। आप अपने योगदान पर 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का लाभ ले सकते हैं, जिससे आपकी टैक्स देनदारी कम हो सकती है।

ईपीएफ के कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:

  • ईपीएफ में जमा की गई राशि पर मिलने वाला ब्याज टैक्स-फ्री होता है।
  • परिपक्वता राशि भी टैक्स-फ्री होती है।
  • ईपीएफ एक सुरक्षित और विश्वसनीय निवेश विकल्प है।
ईपीएफ के लाभ विवरण
टैक्स लाभ धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की कटौती
ब्याज दर निश्चित ब्याज दर
सुरक्षा सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज द्वारा प्रबंधित

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) में निवेश करके टैक्स बचाएं

यदि आप टैक्स बचाने के साथ-साथ एक सुरक्षित निवेश की तलाश में हैं, तो पीपीएफ आपके लिए एक आदर्श विकल्प हो सकता है। यह एक सरकार द्वारा संचालित बचत योजना है जो न केवल आपकी बचत को बढ़ावा देती है, बल्कि आपको टैक्स में भी राहत प्रदान करती है।

पीपीएफ के फायदे और ईईई स्टेटस

पीपीएफ के कई फायदे हैं जो इसे एक आकर्षक निवेश विकल्प बनाते हैं। सबसे पहले, पीपीएफ को ईईई (एक्सेम्प्ट-एक्सेम्प्ट-एक्सेम्प्ट) का दर्जा प्राप्त है, जिसका अर्थ है कि निवेश की गई राशि, अर्जित ब्याज, और परिपक्वता राशि सभी पर टैक्स छूट मिलती है। यह धारा 80C के तहत भी आता है, जिससे आप 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स कटौती का लाभ उठा सकते हैं।

इसके अलावा, पीपीएफ एक लंबी अवधि का निवेश विकल्प है, जिसकी परिपक्वता अवधि 15 वर्ष है। हालांकि, 7वें वर्ष के बाद आंशिक निकासी की अनुमति है, जो इसे एक लचीला निवेश विकल्प बनाता है।

पीपीएफ में निवेश करने की प्रक्रिया और न्यूनतम राशि

पीपीएफ में निवेश करना बहुत आसान है। आप किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस में जाकर पीपीएफ खाता खोल सकते हैं। न्यूनतम निवेश राशि 500 रुपये है, और आप अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक का वार्षिक निवेश कर सकते हैं।

विशेषताएं विवरण
न्यूनतम निवेश राशि 500 रुपये
अधिकतम निवेश राशि 1.5 लाख रुपये
परिपक्वता अवधि 15 वर्ष
आंशिक निकासी 7वें वर्ष के बाद अनुमत
टैक्स लाभ ईईई स्टेटस, धारा 80C के तहत

पीपीएफ में निवेश करके, आप न केवल अपने भविष्य को सुरक्षित कर रहे हैं, बल्कि आप वर्तमान में भी टैक्स बचत का लाभ उठा सकते हैं। यह एक ऐसा निवेश है जो आपको वित्तीय सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करता है।

पीपीएफ एक ऐसा निवेश विकल्प है जो आपको वित्तीय सुरक्षा और टैक्स बचत दोनों प्रदान करता है। यह एक लंबी अवधि के लिए निवेश करने वालों के लिए एक अच्छा विकल्प है।

इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) के माध्यम से टैक्स बचत

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ईएलएसएस एक ऐसा निवेश साधन है जो न केवल टैक्स बचाने में मदद करता है, बल्कि दीर्घकालिक संपत्ति निर्माण में भी सहायक होता है। यह एक म्यूचुअल फंड योजना है जो मुख्य रूप से इक्विटी में निवेश करती है।

ईएलएसएस में निवेश करने से न केवल आपको धारा 80C के तहत टैक्स कटौती का लाभ मिलता है, बल्कि आपको इक्विटी मार्केट में निवेश करने का अवसर भी मिलता है, जो दीर्घकालिक में उच्च रिटर्न प्रदान कर सकता है।

ईएलएसएस के फायदे और लॉक-इन अवधि

ईएलएसएस के कई फायदे हैं, जिनमें से एक यह है कि इसकी लॉक-इन अवधि केवल 3 साल है, जो अन्य टैक्स-बचत निवेश विकल्पों की तुलना में काफी कम है। इसके अलावा, ईएलएसएस में निवेश पर आपको धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स कटौती का लाभ मिलता है।

ईएलएसएस में निवेश करने से आपको न केवल टैक्स बचत होती है, बल्कि आपको अपने निवेश पर अच्छा रिटर्न भी मिल सकता है। हालांकि, यह जोखिम के साथ आता है क्योंकि यह इक्विटी में निवेश करता है।

ईएलएसएस में निवेश करने की रणनीति और रिटर्न

ईएलएसएस में निवेश करने के लिए एक स्मार्ट रणनीति यह है कि आप सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के माध्यम से नियमित रूप से छोटी राशि निवेश करें। इससे आपको अपने निवेश को विविध बनाने और जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।

ईएलएसएस में निवेश करने से आपको दीर्घकालिक में उच्च रिटर्न की संभावना होती है, लेकिन आपको बाजार की अस्थिरता के लिए तैयार रहना चाहिए। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम उठाने की क्षमता के अनुसार निवेश करें।

जीवन बीमा पॉलिसी से टैक्स बचाने के तरीके

टैक्स बचाने के सुझाव

लर्न मोर

जीवन बीमा पॉलिसी के माध्यम से आप न केवल अपने परिवार की सुरक्षा कर सकते हैं, बल्कि टैक्स में भी कटौती कर सकते हैं। जीवन बीमा पॉलिसी एक ऐसा विकल्प है जो आपको वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है और साथ ही टैक्स बचाने में भी मदद करता है।

जीवन बीमा के प्रकार और उनके टैक्स लाभ

विभिन्न प्रकार की जीवन बीमा पॉलिसियां जैसे टर्म इंश्योरेंस, एंडोमेंट प्लान, और होल लाइफ इंश्योरेंस अलग-अलग टैक्स लाभ और सुरक्षा विकल्प प्रदान करती हैं। इन पॉलिसियों के प्रीमियम पर धारा 80C के तहत टैक्स कटौती का लाभ मिलता है।

टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी मुख्य रूप से जीवन कवर प्रदान करती है, जबकि एंडोमेंट प्लान और होल लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में बचत घटक भी होता है। इन पॉलिसियों के चयन से आप अपनी वित्तीय जरूरतों और टैक्स बचाने की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।

धारा 80C और 10(10D) के तहत मिलने वाले लाभ

जीवन बीमा पॉलिसी के प्रीमियम पर धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स कटौती का लाभ मिलता है। इसके अलावा, धारा 10(10D) के तहत, जीवन बीमा पॉलिसी से प्राप्त मैच्योरिटी राशि या मृत्यु लाभ पर भी टैक्स छूट मिलती है, बशर्ते पॉलिसी निर्धारित शर्तों को पूरा करती हो।

इन टैक्स लाभों का लाभ उठाकर, आप अपनी टैक्स देयता को कम कर सकते हैं और अपने परिवार को वित्तीय सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।

यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप) से टैक्स बचाएं

यूलिप से टैक्स कैसे बचाएं

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यूलिप एक ऐसा उत्पाद है जो जीवन बीमा और निवेश दोनों को एक साथ जोड़ता है, जिससे आपको वित्तीय सुरक्षा और निवेश के अवसर दोनों मिलते हैं। यह एक ऐसा निवेश विकल्प है जो आपको अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

यूलिप के दोहरे लाभ: बीमा और निवेश

यूलिप न केवल आपको जीवन बीमा की सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि यह आपको विभिन्न निवेश विकल्पों में निवेश करने का अवसर भी देता है। आप अपने जोखिम प्रोफाइल के अनुसार इक्विटी, डेट या बैलेंस्ड फंड में निवेश कर सकते हैं।

यूलिप में निवेश करने से आपको अपने निवेश को विविध बनाने और अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।

यूलिप से जुड़े टैक्स लाभ और ईईई कैटेगरी

यूलिप में भुगतान किए गए प्रीमियम पर धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स कटौती का लाभ मिलता है। इसके अलावा, यूलिप को ईईई (एक्सेम्प्ट-एक्सेम्प्ट-एक्सेम्प्ट) श्रेणी में रखा गया है, जिसका अर्थ है कि निवेश, निवेश पर रिटर्न और परिपक्वता राशि सभी पर टैक्स छूट मिलती है।

यह टैक्स लाभ आपको अपने निवेश पर अधिक रिटर्न प्राप्त करने में मदद कर सकता है, जिससे आपके वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करना आसान हो जाता है।

हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) का लाभ उठाकर टैक्स बचाएं

वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए एचआरए एक उपयोगी साधन है जो उन्हें किराए के भुगतान पर टैक्स बचाने में मदद करता है। अगर आपकी सैलरी में एचआरए शामिल है और आप किराए के मकान में रहते हैं, तो आप धारा 10(13A) के तहत टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं।

एचआरए क्या है और इसका लाभ कैसे उठाएं

एचआरए आपकी सैलरी का एक हिस्सा होता है जो आपको किराए के भुगतान के लिए मिलता है। इसका लाभ उठाने के लिए, आपको अपने मकान मालिक से किराया रसीद या किराया भुगतान का प्रमाण रखना होगा। इसके अलावा, आपको अपने नियोक्ता को आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे ताकि आप धारा 10(13A) के तहत टैक्स छूट का दावा कर सकें।

धारा 10(13A) के तहत एचआरए पर टैक्स छूट की गणना

एचआरए पर टैक्स छूट की गणना तीन में से न्यूनतम के आधार पर की जाती है: वास्तविक एचआरए प्राप्त, वास्तविक किराया भुगतान माइनस मूल वेतन का 10%, या मेट्रो शहरों में मूल वेतन का 50% (अन्य शहरों में 40%)। यह गणना आपको यह समझने में मदद करेगी कि आप कितनी टैक्स कटौती का लाभ उठा सकते हैं।

यह महत्वपूर्ण है कि आप अपनी सैलरी स्ट्रक्चर को ध्यान से समझें और यदि एचआरए शामिल नहीं है, तो आप अपने एचआर विभाग से बात करके इसे शामिल करने का अनुरोध कर सकते हैं। इससे आपको टैक्स बचाने में मदद मिलेगी।

टैक्स बचाने के लिए एचआरए एक महत्वपूर्ण साधन है, और इसका सही तरीके से उपयोग करके आप अपनी सैलरी का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।

राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) से टैक्स बचत के अवसर

राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में निवेश करने से न केवल टैक्स बचत होती है, बल्कि रिटायरमेंट के लिए भी सुरक्षित बचत होती है। एनपीएस एक सरकार समर्थित पेंशन योजना है जो रिटायरमेंट के लिए बचत करने के साथ-साथ टैक्स बचाने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करती है।

राष्ट्रीय पेंशन योजना में निवेश कैसे करें

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एनपीएस के फायदे और सरकारी समर्थन

एनपीएस कई फायदों के साथ आता है, जैसे कि:

  • एनपीएस एक सरकार समर्थित पेंशन योजना है जो रिटायरमेंट के लिए बचत करने के साथ-साथ टैक्स बचाने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करती है।
  • एनपीएस में आप अपने जोखिम प्रोफाइल के अनुसार इक्विटी, कॉरपोरेट बॉन्ड्स और सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश कर सकते हैं, जो इसे एक लचीला निवेश विकल्प बनाता है।
  • एनपीएस में निवेश करते समय, आप टियर-1 (अनिवार्य) और टियर-2 (वैकल्पिक) खातों के बीच चुन सकते हैं, जहां टियर-1 खाता टैक्स लाभ प्रदान करता है लेकिन इसमें निकासी प्रतिबंध हैं।

धारा80CCD(1) और 80CCD(1B) के तहत अतिरिक्त कटौती

एनपीएस में निवेश पर धारा 80CCD(1) के तहत आपकी सैलरी के 10% तक या 1.5 लाख रुपये तक (जो भी कम हो) की टैक्स कटौती का लाभ मिलता है। इसके अतिरिक्त, धारा 80CCD(1B) के तहत एनपीएस में किए गए अतिरिक्त योगदान पर 50,000 रुपये तक की अतिरिक्त टैक्स कटौती का लाभ मिलता है, जो कुल टैक्स बचत को 2 लाख रुपये तक बढ़ा देता है।

इन प्रावधानों का लाभ उठाकर, आप अपनी टैक्स देयता को कम कर सकते हैं और रिटायरमेंट के लिए सुरक्षित बचत कर सकते हैं।

टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट और स्वास्थ्य बीमा से टैक्स बचाएं

टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट के माध्यम से आप न केवल टैक्स बचा सकते हैं, बल्कि अपने निवेश को भी सुरक्षित रख सकते हैं। यह एक ऐसा विकल्प है जो आपको निश्चित रिटर्न के साथ-साथ टैक्स लाभ भी प्रदान करता है।

टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (टीएसएफडी) एक सुरक्षित निवेश विकल्प है जो धारा80C के तहत1.5 लाख रुपये तक की टैक्स कटौती का लाभ प्रदान करता है।

टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट कैसे खोलें

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टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट के फायदे और लॉक-इन अवधि

टीएसएफडी में5 साल की लॉक-इन अवधि होती है, जिसके दौरान आप अपनी जमा राशि नहीं निकाल सकते हैं, लेकिन इसके बदले में आपको निश्चित और सुरक्षित रिटर्न मिलता है। यह उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो लॉन्ग-टर्म निवेश के लिए तैयार हैं और टैक्स बचाने के इच्छुक हैं।

इसके अलावा, टीएसएफडी में निवेश करने से आपको धारा80C के तहत टैक्स कटौती का लाभ मिलता है, जिससे आपकी टैक्स योग्य आय कम हो जाती है।

धारा80D के तहत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कटौती

स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर धारा80D के तहत अतिरिक्त टैक्स लाभ मिलता है, जहां आप अपने और अपने परिवार के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर25,000 रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं।

अगर आप अपने माता-पिता (60 वर्ष से अधिक उम्र के) के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम का भुगतान करते हैं, तो आप अतिरिक्त50,000 रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं, जिससे कुल कटौती75,000 रुपये तक हो सकती है।

ग्रेच्युटी और अन्य टैक्स बचत के अवसर

ग्रेच्युटी, प्रोविडेंट फंड, और अन्य रिटायरमेंट लाभों पर भी विभिन्न टैक्स छूट उपलब्ध हैं। इनके बारे में जानकारी रखना और उनका लाभ उठाना महत्वपूर्ण है।

इन विकल्पों को समझकर और सही तरीके से निवेश करके, आप अपनी टैक्स योग्य आय को कम कर सकते हैं और अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं।

निष्कर्ष: अपने टैक्स को स्मार्ट तरीके से प्रबंधित करें

अपने टैक्स को स्मार्ट तरीके से प्रबंधित करने के लिए, आपको विभिन्न निवेश विकल्पों के बारे में जानना होगा। इस आर्टिकल में, हमने टैक्स बचाने के 10 तरीकों के बारे में चर्चा की है, जो आपकी वित्तीय योजना को मजबूत बना सकते हैं।

इनमें से कुछ प्रमुख तरीकों में ईपीएफ, पीपीएफ, ईएलएसएस, एनपीएस, और बीमा पॉलिसियों में निवेश करना शामिल है। इन विकल्पों को अपनाकर, आप न केवल अपने टैक्स बोझ को कम कर सकते हैं बल्कि अपने भविष्य के लिए भी धन का निर्माण कर सकते हैं।

यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि टैक्स प्लानिंग एक निरंतर प्रक्रिया है और इसे वित्तीय वर्ष की शुरुआत में ही शुरू कर देना चाहिए। विभिन्न निवेश विकल्पों का मिश्रण रखना भी महत्वपूर्ण है ताकि आपका पोर्टफोलियो विविधतापूर्ण रहे और जोखिम कम हो।

अंत में, टैक्स बचाने के बारे में सोचते समय केवल टैक्स लाभ पर ही ध्यान न दें, बल्कि निवेश के अन्य पहलुओं जैसे रिटर्न, जोखिम, लिक्विडिटी और आपके वित्तीय लक्ष्यों के साथ उनके संरेखण पर भी विचार करें।

इन सुझावों को अपनाकर, आप अपने टैक्स को स्मार्ट तरीके से प्रबंधित कर सकते हैं और अपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं।

FAQ

टैक्स बचाने के लिए कौन से निवेश विकल्प सबसे अच्छे हैं?

टैक्स बचाने के लिए कई निवेश विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ), इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस), और राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) शामिल हैं। इनमें निवेश करके आप न केवल टैक्स बचा सकते हैं, बल्कि भविष्य के लिए भी बचत कर सकते हैं।

धारा 80C के तहत कौन से निवेश टैक्स बचाने में मदद करते हैं?

धारा 80C के तहत कई निवेश विकल्प टैक्स बचाने में मदद करते हैं, जिनमें पीपीएफ, ईपीएफ, जीवन बीमा प्रीमियम, और टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट शामिल हैं। इनमें निवेश करके आप अपनी टैक्स देयता को कम कर सकते हैं।

हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) का लाभ कैसे उठाएं?

एचआरए का लाभ उठाने के लिए, आपको अपने किराये के घर के किराये के भुगतान का प्रमाण देना होगा। इसके अलावा, आपको अपने नियोक्ता से एचआरए के रूप में प्राप्त राशि को अपनी सैलरी में शामिल करना होगा और धारा 10(13A) के तहत इसकी छूट का लाभ उठाना होगा।

जीवन बीमा पॉलिसी से टैक्स बचाने के क्या तरीके हैं?

जीवन बीमा पॉलिसी से टैक्स बचाने के लिए, आप धारा 80C के तहत प्रीमियम के भुगतान पर कटौती का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा, धारा 10(10D) के तहत मैच्योरिटी पर प्राप्त राशि पर टैक्स छूट का लाभ भी मिलता है।

यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप) से टैक्स बचाने के क्या फायदे हैं?

यूलिप से टैक्स बचाने के कई फायदे हैं, जिनमें बीमा कवर और निवेश के दोहरे लाभ शामिल हैं। इसके अलावा, यूलिप में निवेश पर ईईई कैटेगरी के तहत टैक्स छूट मिलती है, जिससे आपकी टैक्स देयता कम होती है।

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